Monday, February 15, 2010

भारत विशाल बढ़त की ओर।


मेहमान दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दूसरे और अंतिम टेस् मैच के तीसरे दिन लंच तक मेजबान भारत ने 431 रन बना लिए है। और अब टीम इंडिया एक विशाल बढ़त की तरफ देख रहा है जहाँ से वो ये टेस्ट जीत सके और अपना बादशाहत बचा सके।

भारत ने अब तक 6 विकेट की नुक्सान पे 461 रन बना लिए है और अब मेहमान टीम की कुल बढ़त 165 रनों की हो गयी है।

वैसे दूसरे दिन का खेल खत् होने तक भारत ने पांच विकेट के नुक्सान पे 342 रन बना लिये थे। भारत की ओर से सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने 165 और सचिन तेंदुलकर ने 106 रनों की शानदार पारी खेली। दुसरे दिन का खेल खत् होने तक वीवीएस लक्ष्मण 9 और नाइटवॉचमैन अमित मिश्रा एक रन बनाकर बल्लेबाजी कर रहे थे। एक समय तक तो भारत का स्कोर दो विकेट पर 331 रन था, लेकिन अंतिम छह ओवरों 5 रन दे कर तीन विकेट हासिल कर दक्षिण अफ्रीका ने मैच को बराबरी पर ला दिया था।

मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंडुलकर ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच में सोमवार को यहाँ अपनी 106 रन की शानदार पारी के दौरान स्वदेश में छह हजार रन पूरे करने के साथ लगातार चार मैच में शतक जमाने वाले चौथे भारतीय बल्लेबाज बने उनसे पहले ये कारनामा सुनील गावस्कर राहुल द्रविड़ और गौतम गंभीर ने ही ये रिकॉर्ड बनाये थे।










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Tuesday, February 9, 2010

थम गया धोनी का अश्वमेघ रथ।


भारत के लिए अब तक भाग्यशाली रहे कप्तान महेंद्र सिंह धौनी का टेस्ट मैचों में बिना हारे जीत पर जीत दर्ज करने का विजय अभियान मंगलवार को नागपुर मे अपने ही सरजमीं पे दक्षिण अफ्रीका के हाथों पारी और छह रन के हार के साथ ही थम गया जो उनकी अगुवाई में भारतीय टीम की पहली हार है।

टीम इंडिया के कप्तान माही की कप्तानी में भारत ने इससे पहले 11 टेस्ट मैच खेले थे जिसमें से उसने आठ टेस्ट में जीत दर्ज की थी बाकी के टेस्ट मैच ड्रा रहे थे लेकिन 12वें टेस्ट मैच में उन्हें आखिर में हार का कड़वा स्वाद चखना ही पड़ा।

अब महेंद्र सिंह धौनी को अपना और टीम इंडिया की ताज बचाने के लिए 14 फरवरी से कोलकाता में होने वाले दूसरे और अंतिम टेस्ट मैच में हर हाल में जीत दर्ज करनी होगी।

महेंद्र सिंह धौनी और मुख्य चयनकर्ता के श्रीकांत ने मेहमान दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दो टेस्ट मैचों की सीरीज जिसे वर्ल्ड चैम्पिन्शिप तक का नाम दिया था उसके शुरू होने से पहले ही कहा था कि उन्हें मध्यक्रम में टीम इंडिया की 'दीवार' कहे जाने वाले राहुल द्रविड़ के अनुभव की काफी कमी खलेगी और इसका नमूना पहले ही टेस्ट में देखने को मिल गया।

दक्षिण अफ्रीका ने नागपुर मे पहली घोषित पारी छह विकेट पर 558 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया जिसके जवाब में भारतीय टीम पहली पारी में सहेवाग की शानदार सतक के बाद भी 233 रन के अंदर ही सिमट गई और जिसके बाद मेजबान टीम फालो आन खेलने उतरी और सचिन के सतक के बाद भी पारी की हार का सामना करना पड़ा। द्रविड़ के अब तक के 139 टेस्ट करियर में उन्हें कभी भी टेस्ट टीम से ख़राब फॉर्म के कारन बाहर नहीं किया गया। द्रविड़ ने 1996 में इंगलैंड के खिलाफ टेस्ट करियर का आगाज किया था और उसके बाद से वह केवल एक मैच में ही नहीं खेल पाए थे क्योंकि 2005 में श्रीलंका के खिलाफ अहमदाबाद टेस्ट में उन्हें पेट की समस्या के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

इसमे कोई सक नहीं के द्रविड़ भारत की ओर से तीसरे नंबर पर खेलने वाले सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज हैं और इस स्थान पर उनका औसत 55।71 है। उन्होंने इस स्थान पर खेलते हुए 113 टेस्ट मैच में 8970 रन जोडे़ है और उनका सर्वाधिक स्कोर पकिस्तान के खिलाफ 270 रहा है। बांग्लादेश के खिलाफ मीरपुर में दूसरे टेस्ट के दौरान शहादत हुसैन के बाउंसर से द्रविड़ के जबड़े में फै्रक्चर हो गया था और वह अपना 29वां टेस्ट शतक जमाकर 111 रन पर रिटायर्ड हर्ट हो गए थे इन 29 शतक मे सिर्फ एक बार ऐसा हुआ है जब उसने शतक बनाया हो और टीम इंडिया को हार का मुह देखना पड़ा हो।

'दीवार' की गैर मौजूदगी टीम इंडिया इस सीरिज मे काफी भारी पड़ गई क्योंकि तीसरा नंबर किसी भी टीम की बल्लेबाजी में काफी अहम स्थान रखता है और ऐसे में अगर टीम का इस स्थान का विशेषज्ञ बल्लेबाज ही चोटिल हो तो परिणाम पर असर पड़ना लाजिमी है। द्रविड़ ने अब तक 19 विभिन्न जोड़ीदारों के साथ 80 से ज्यादा शतकीय साझेदारियां निभा चुके हैं और यह भी एक विश्व रिकार्ड है। इस अनुभवी संकटमोचन बल्लेबाज ने 139 टेस्ट मैचों में 53.75 के शानदार औसत से 11395 और 339 वनडे में 39।43 के औसत से 10765 रन बनाए हैं और उनका जगह लेना किसी भी बल्लेबाज के लिए आसान नहीं होगा।

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Monday, February 8, 2010

लाइव स्कोर कार्ड भारत बनाम साउथ अफ्रीका पहला टेस्ट



नागपुर मे भारत बनाम साउथ अफ्रीका का पहला टेस्ट जितने की भारत की उमीद को घहरा झटका लगा। कप्तान महेंद्र सिंह धौनी की अगुवाई मे टीम इंडिया टेस्ट क्रिकेट में बादशाहत की जंग में अपने ही देश मे पहले ही टेस्ट मुकाबले में डेल स्टेन [51/7] की अगुवाई में दक्षिण अफ्रीका के आक्रमण के सामने घुटने टेक दिए है। एक ही दिन मे आल आउट होकर फालोआन खेलने उतरी भारतीय टीम ने तीसरे दिन का खेल खत्म होने तक दूसरी पारी में दो विकेट खो कर 66 रन बना लिए हैं लेकिन मेहमान दक्षिण अफ्रीका [558 रन] की पहली पारी के आधार पर मेजबान अभी भी 259 रन से पीछे है।

उपकप्तान वीरेंद्र सहवाग [109] के अलावा पहली पारी में विफल रहे भारतीय बल्लेबाजों की असफलता की कहानी दूसरी पारी में भी वैसे ही लिखी गई। गंभीर और सहवाग दोनों बल्लेबाज आज एक ही दिन मे दो-दो बार आउट हुए। संकट में फंसी टीम इंडिया को सचिन तेंदुलकर [15] और मुरली विजय [27] से अब काफी आस है। दोनों के बीच तीसरे विकेट के लिए अभी तक कीमती 42 रन की साझेदारी हो चुकी है। पहली पारी की तरह दूसरी पारी में भी सलामी बल्लेबाज गंभीर [1] सस्ते में ही पवेलियन लौट गए।

इससे पूर्व मेहमान टीम के तेज़ गेंदबाज डेल स्टेन ने अपनी कहर बरपाती गेंदबाजी से पहली पारी में भारतीय बल्लेबाजी को तहस-नहस करते हुए भारत की पहली पारी को महज 233 रन पर समेट कर फालोआन के लिए मजबूर कर दिया। मेहमान टीम इंडिया की तरफ से सिर्फ सहवाग ने ही तेज गेंदबाजी का सामना कर सके और संयम और आक्रमण से खेलते हुए सर्वाधिक 109 रन बनाए। सहवाग के अलावा एस बद्रीनाथ ने भी कीमती 56 रन का योगदान दिया। अपना पहला टेस्ट खेल रहे बद्रीनाथ ने एक छोर पर डटकर खेलते हुए सहवाग का बखूबी साथ निभाया। दोनों ने चौथे विकेट के लिए कीमती 136 रन जोड़कर टीम को संकट से निकाले में अहम भूमिका निभाई।

अब सब कुछ कल भारत के आने वाले बल्लेबाज़ और सचिन धोनी की कंधो पे होगा की वो सयम और समझदारी से बल्लेबाजी करे और मेजबानो को जीत का तोहफा ना दे। वैसे धोनी ने अभी तक तो कोई टेस्ट मैच नहीं हरा है इसलिए सब यही उमीद और दुआ करेंगे के भारत कम से कम टेस्ट मे पराजय का सामना ना करे।

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