भारत के लिए अब तक भाग्यशाली रहे कप्तान महेंद्र सिंह धौनी का टेस्ट मैचों में बिना हारे जीत पर जीत दर्ज करने का विजय अभियान मंगलवार को नागपुर मे अपने ही सरजमीं पे दक्षिण अफ्रीका के हाथों पारी और छह रन के हार के साथ ही थम गया जो उनकी अगुवाई में भारतीय टीम की पहली हार है।
टीम इंडिया के कप्तान माही की कप्तानी में भारत ने इससे पहले 11 टेस्ट मैच खेले थे जिसमें से उसने आठ टेस्ट में जीत दर्ज की थी बाकी के टेस्ट मैच ड्रा रहे थे लेकिन 12वें टेस्ट मैच में उन्हें आखिर में हार का कड़वा स्वाद चखना ही पड़ा।
अब महेंद्र सिंह धौनी को अपना और टीम इंडिया की ताज बचाने के लिए 14 फरवरी से कोलकाता में होने वाले दूसरे और अंतिम टेस्ट मैच में हर हाल में जीत दर्ज करनी होगी।
महेंद्र सिंह धौनी और
मुख्य चयनकर्ता के श्रीकांत ने मेहमान दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दो टेस्ट मैचों की सीरीज जिसे वर्ल्ड
चैम्पिन्शिप तक का नाम दिया था उसके शुरू होने से पहले ही कहा था कि उन्हें मध्यक्रम में टीम इंडिया की 'दीवार' कहे जाने वाले राहुल द्रविड़ के अनुभव की काफी कमी खलेगी और इसका नमूना पहले ही टेस्ट में देखने को मिल गया।
दक्षिण अफ्रीका ने नागपुर मे पहली घोषित पारी छह विकेट पर 558 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया जिसके जवाब में भारतीय टीम पहली पारी में सहेवाग की शानदार सतक के बाद भी 233 रन के अंदर ही सिमट गई और जिसके बाद मेजबान टीम फालो आन खेलने उतरी और सचिन के सतक के बाद भी पारी की हार का सामना करना पड़ा। द्रविड़ के अब तक के 139 टेस्ट करियर में उन्हें कभी भी टेस्ट टीम से ख़राब फॉर्म के कारन बाहर नहीं किया गया। द्रविड़ ने 1996 में इंगलैंड के खिलाफ टेस्ट करियर का आगाज किया था और उसके बाद से वह केवल एक मैच में ही नहीं खेल पाए थे क्योंकि 2005 में श्रीलंका के खिलाफ अहमदाबाद टेस्ट में उन्हें पेट की समस्या के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
इसमे कोई सक नहीं के द्रविड़ भारत की ओर से तीसरे नंबर पर खेलने वाले सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज हैं और इस स्थान पर उनका औसत 55।71 है। उन्होंने इस स्थान पर खेलते हुए 113 टेस्ट मैच में 8970 रन जोडे़ है और उनका सर्वाधिक स्कोर पकिस्तान के खिलाफ 270 रहा है। बांग्लादेश के खिलाफ मीरपुर में दूसरे टेस्ट के दौरान शहादत हुसैन के बाउंसर से द्रविड़ के जबड़े में फै्रक्चर हो गया था और वह अपना 29वां टेस्ट शतक जमाकर 111 रन पर रिटायर्ड हर्ट हो गए थे इन 29 शतक
मे सिर्फ एक बार ऐसा हुआ है जब उसने शतक बनाया हो और टीम इंडिया को हार का मुह देखना पड़ा हो।
'दीवार' की गैर मौजूदगी टीम इंडिया इस सीरिज मे काफी भारी पड़ गई क्योंकि तीसरा नंबर किसी भी टीम की बल्लेबाजी में काफी अहम स्थान रखता है और ऐसे में अगर टीम का इस स्थान का विशेषज्ञ बल्लेबाज ही चोटिल हो तो परिणाम पर असर पड़ना लाजिमी है। द्रविड़ ने अब तक 19 विभिन्न जोड़ीदारों के साथ 80 से ज्यादा शतकीय साझेदारियां निभा चुके हैं और यह भी एक विश्व रिकार्ड है। इस अनुभवी संकटमोचन बल्लेबाज ने 139 टेस्ट मैचों में 53.75 के शानदार औसत से 11395 और 339 वनडे में 39।43 के औसत से 10765 रन बनाए हैं और उनका जगह लेना किसी भी बल्लेबाज के लिए आसान नहीं होगा।
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