Tuesday, December 16, 2008

भारत ६ विकेट से पहला टेस्ट जीत गया!


31 January 1999 टेस्ट नम्बर 1442 भारत और पाकिस्तान का मैच चेपक के ही मैदान मे सचिन का शतक(141) के बाद भी इंडिया 12 रन से हारते हुए जिसने भी देखा था वो आज कम से कम वो मैच याद करना नही चाहते होंगे।
कल के दिन के अंत तक जो बल्लेबाजी सहवाग ने कर दिया था वो भी नीव साबित हो रही थी आज के मैच के लिए।
फ़िर भी 183 रन पे जब 3 विकेट गिर गए तो एक बात वो टेस्ट का भूत जरुर सताने लगा होगा। मगर सचिन और महाराज की जगह लेने को उतावले युवराज ने अपनी सबसे बेहतर अभी के लिए ही बचा रखा था। भारत के कोच गेर्री किर्स्टन ने भी ये बात मानी थी के भारत को अपना पुराना कल ना याद कर बस वो दाग धोना होगा जब हर कोई ये बात बोलता है के भारत कभी भी स्कोर का पीछा अच्छे से नही कर सकता। सहवाग ने लीड करते हुए अपने सभी साथी के साथ वो कारनामा कर दिखाया जो आज के सदी मे नही हुआ था भारत भारत मे कभी भी 300 रन भी बना कर नही जीत पाया था। इस जीत के साथ ही भारत २ मैच के सीरीज मे 1-0 से आगे हो गया है और आखिरी टेस्ट तो कम से कम पीटरसन कभी भी हारना नही चाहेगा। पूरे दौड़े मे अभी
तक उसके सेना को एक भी विजय नशीब नही हुआ है।


सचिन और युवराज दोनों ने अपने आलोचकों को अछा जवाब दिया है जो ये कहते नही थकते के सचिन अब चुक गए और टेस्ट जितना उनके बस मे नही और युवराज टेस्ट मैच के लिए अच्छे बल्लेबाज़ नही। दोनों ने पहले टीम के लिए जीत के दरवाजे खोले फ़िर किसी और पे भरोशा ना करते हुए टीम को विजय द्वार तक ख़ुद ले कर गए।
पीटरसन ने ख़ुद ये कल ही कहाँ था के वो राहुल और सचिन को सस्ते मे निपटाना चाहेंगे मगर वो राहुल से तो निपट गए सचिन से नही। और टेस्ट उनके नाम नही आ सका जो वो चाहते थे। पीटरसन के लिए सबसे बड़ी कमजोरी वो ख़ुद ही रहे जो इस टेस्ट मे कुछ खास न कर सके।
सचिन के शतक पे हम उनको पूरे अदब से सलाम करते है।




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